हिंदी सिनेमा के लेखकां ने कलाकारों और निर्माताआं के स्वरूप सम्मान न मिलने पर विरोध जताते हुए एस0डब्लय0ूए0 से शिकायत कि है
उन्हे भी उसी सम्मान से नवाजा जाए और उन्हे भी पुरस्कृत होते हुए कलाकारों और निर्माताओं की तरह बोलने का अधिकार दिया जाए।
अपना पक्ष रखते हुए उन्होने कहा कि अब स्थिति ऐसी हैं कि हमारे पुरस्कार भी घर पर पहुंचा दिये जाते हैं। उन्होने पुरस्कार आयोजित करने वाली संस्था पर आरोप लगाते हुए उन्होने कहा कि उनका नाम पुरस्कार में नामांकित होता हैं परंतु ,उन्हे मंच पर बुलाकर सम्मानित नहीं किया जाता हैैैं। मीडिया पर टिप्पणी करते हुए उन्होने कहा कि मीडिया भी कलाकारों या निर्माताओं से फिल्म के विषय में प्रश्न करती हैं जबकी फिल्म कि तथाकथित कहानी या उसके सभी पात्र हमारे द्वारा उत्पन्न हुए हैं। एसोसिएशन के महासचिव जमान हबीब ने भी इस बात पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि कुछ लेखक कहते हैं कि प्रेस कॉन्फ्र्रेंस में लेखकों से कोई प्रश्न नहीं किये जाते हैं लेकिन,‘‘मैं पूछता हूँ कि प्रेस कॉंफ्रेंस में लेखक होते ही कहा हैं उन्हे बुलाया ही कहां जाता हैं’’।
