नही रहे दिग्गज नेता सांसद काजी रशीद मसूद, दिलचस्प रहा पूरा सफर
राजनीती के दिग्गज राजनेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रशीद मसूद का सोमवार को निधन हो गया है। नौ बार के सांसद रह चुके रशीद मसूद कोरोना का भी शिकार हुए थे। हालांकि कोरोना से जंग उन्होंने जीत ली थी। अब उनका रुड़की के अपने ही अस्पताल में इलाज चल रहा था जहाँ उन्होंने आखिरी सांस ली।
यूपी के सियासी दिग्गज काजी रशीद मसूद का रुड़की में निधन
पांच बार लोकसभा और चार बार राज्यसभा के लिए हुए निर्वाचित
1989 में वीपी सिंह की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री की जिम्मेदारी
इमरजेंसी के बाद 1977 में जनता पार्टी से पहली बार बने थे सांसद
सहारनपुर(माज़िद कुरैशी)।
देश के दिग्गज राजनेता काजी रशीद मसूद कई बीमारियों से जूझ रहे थे वह 73 साल के थे। रशीद मसूद का रुड़की में अपने भतीजे के अस्पताल में ही इलाज चल रहा था। सोमवार सुबह 10 बजे के करीब उनका निधन हो हुआ। उनकी गिनती पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दिग्गज राजनेताओं में होती थी। पांच दशकों के सियासी सफर में वह वीपी सिंह से लेकर मुलायम सिंह यादव के हमसफर भी रहे। जिसके बाद 2012 में वह कांग्रेस में शामिल हो गये थे ।
रशीद मसूद नौ बार संसद के सदस्य रहे जोकि अपने आप में एक बड़ा इतिहास रिकॉर्ड है। आपको बताते चलें की अपने लंबे राजनैतिक करियर में लोकसभा के साथ ही राज्यसभा के लिए भी वह निर्वाचित हुए थे। सोमवार को रुड़की के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उनका निधन हो जाने से समर्थकों में गम की लहर दौड़ गई। रशीद मसूद हार्ट और किडनी जैसी कई बीमारियों से जूझ रहे थे। पैतृक निवास गंगोह में उन्हें सपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। 1989 में केंद्र में वीपी सिंह के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय मोर्चा की सरकार में वह स्वास्थ्य मंत्री रहे थे।
रशीद मसूद पहले से ही हृदय और किडनी की बीमारियों से पीड़ित थे। पिछले दिनों कोरोना पॉजिटिव होने की वजह से इलाज के लिए दिल्ली के अपोलो अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया था। हाल ही में कोरोना से ठीक होने के बाद रशीद मसूद की दो दिन पहले तबीयत बिगड़ गई थी। उन्हें रुड़की स्थित अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया था। उनके निधन पर समर्थकों में शोक की लहर है और सियासी पार्टियों से शोक संवेदनाएं आ रही हैं।
1977 में शुरू की थी सियासत
रशीद मसूद पांच बार लोकसभा सदस्य होने के साथ ही चार बार राज्यसभा के लिए भी निर्वाचित हुए। 2012 में यूपी विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा भेजा। साथ ही केंद्रीय मंत्री का दर्जा देते हुए एपीडा का चेयरमैन बनाया था। उन्होंने पहला लोकसभा चुनाव इमरजेंसी के तुरंत बाद 1977 में लड़ा था। वह जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे और जीत हासिल की।
वीपी सिंह से मुलायम तक सबके साथी
इसके बाद वह जनता पार्टी (सेक्युलर) में शामिल हो गए। 1989 का चुनाव उन्होंने जनता दल से लड़ा और फिर जीत दर्ज की। इस दौरान वह 1990 और 91 में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री भी रहे। 1994 में वह मुलायम के करीब आए और समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। बाद में 1996 में उन्होंने इंडियन एकता पार्टी बनाई। 2003 में एक बार फिर समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। 2004 में उन्होंने एसपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा और जीते।
एमबीबीएस ऐडमिशन धांधली में भेजे गए थे जेल
2012 यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले वह कांग्रेस में आ गए। बतौर स्वास्थ्य मंत्री के कार्यकाल में उन पर गड़बड़ी का आरोप लगा था। एमबीबीएस ऐडमिशन धांधली के मामले में सजा होने पर जेल गए और राज्यसभा की सदस्यता भी खोनी पड़ी थी। वहीं 1996, 1998, 99 और 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का भी सामना करना पड़ा।
पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री काजी रशीद मसूद पश्चिमी उप्र की बड़ी सियासी हस्ती थे। हालांकि, दल तो उन्होंने भी कई बार बदला था लेकिन, लोकसभा और राज्य सभा मिलाकर कुल नौ बार सांसद रहे।
काजी रशीद मसूद केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भी रहे और कांग्रेस सरकार मेें उन्हें एपीडा का चेयरमैन भी बनाया गया। उनका इंतकाल वाकई राजनीति के लिए बड़ी क्षति है।
बता दें कि काजी रशीद मसूद सहारनपुर की राजनीतिक राजधानी कहे जाने वाले गंगोह कस्बे के रहने वाले थे। सियासत की शुरुआत काजी साहब ने साल 1977 में शुरू की थी राजनीति। वह आम-अवाम में अपनी सेक्युलर छवि के नाते बहुत लोकप्रिय थे।
काजी साहब पांच बार लोकसभा सदस्य और चार बार राज्यसभा सदस्य रहे। वह जनता दल सरकार में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भी रहे थे। 2012 के यूपी विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ने काजी रशीद मसूद को राज्यसभा सांसद बनाया था और केंद्रीय मंत्री का दर्जा देते हुए एपीडा का चेयरमैन बनाया था।
उन्होंने पहला लोकसभा चुनाव इमरजेंसी के तुरंत बाद 1977 में लड़ा था। इस दफा काजी साहब जनता पार्टी के टिकट पर लड़े थे और विजयश्री ने उनका वरण किया था। बाद में वह जनता पार्टी (सेक्यूलर) में शामिल हो गए थे। काजी रशीद मसूद ने 1989 का लोकसभा चुनाव जनता दल के टिकट पर लड़ा था।
वह चुनाव जीते थे। काजी का सियासी सफर रुका कभी नहीं। 1990 और 91 में केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भी रहे। वर्ष 1994 में सपा में शामिल हो गए। बाद में उन्होंने 1996 में इंडिन एकता पार्टी बनाई थी। काजी रशीद मसूद ने आखिरकार, वर्ष 2003 में समाजवादी पार्टी का झंडा उठाया।

वर्ष 2004 में उन्होंने सपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव सहारनपुर सीट से लड़ा और जीत दर्ज कराई। 2012 यूपी विधानसभा चुनाव से पहले काजी रशीद मसूद कांग्रेस में आ गए। इसके बाद उनका समयचक्र थोड़ा खराब हुआ। वह केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री रहने के दौरान एमबीबीएस के भर्ती मामले में सजा होने पर जेल गए और इसी के साथ राज्यसभा की सदस्यता भी चली गई। रशीद मसूद के बारे में यह भी बता दें कि लोकसभा के 2009 के चुनाव हार का सामना करना पड़ा।
मुलायम ने लड़ाया था उप राष्ट्रपति चुनाव
सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने रशीद मसूद को वर्ष 2007 में उप राष्ट्रपति का चुनाव लड़ाया था। वह संयुक्त राष्ट्रीय प्रगतिशील गठबंधन के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े थे। इस चुनाव में प्रतिभा पाटिल विजयी हुईं थी। मसूद 75 वोट हासिल कर तीसरे नंबर पर रहे थे।

ये है काजी रशीद मसूद का सियासी सफरनामा:
वर्ष 1974 में नकुड़ विधानसभा क्षेत्र से पहला चुनाव लड़े और हार गए।
वर्ष 1977 में जनता पार्टी से लोकसभा का चुनाव सहारनपुर सीट से जीते।
वर्ष 1980 में लोकदल से सहारनपुर सीट से लोकसभा चुनाव जीते।
वर्ष 1984 में लोकसभा का चुनाव भारतीय किसान कामगार पार्टी से चुनाव लड़े और हारे।
वर्ष 1986 में राज्यसभा सदस्य लोकदल से बने।
वर्ष 1989 में जनता दल से लोकसभा का चुनाव जीते और केंद्र सरकार में स्वास्थ्य राज्यमंत्री रहे।
वर्ष 1991 में लोकसभा का फिर जनता दल से चुनाव जीते।
वर्ष 1996 में लोकसभा का चुनाव सपा से लड़े और भाजपा के नकली सिंह से हारे।
वर्ष 1997 में लोकसभा का चुनाव सपा से हारे।
वर्ष 1999 में लोकसभा का चुनाव राष्ट्रीय लोकदल से लड़े और हारे।
वर्ष 2004 में लोकसभा का चुनाव सपा से लड़े और जीते।
वर्ष 2009 में लोकसभा का चुनाव सपा से लड़े और हारे।
वर्ष 2010 में कांग्रेस ने राज्यसभा में भेजा और साल भर में ही एपीडा का चेयरमैन बना दिया।
काजी का संक्षिप्त जीवन परिचय:
नाम : काजी रशीद मसूद
पिता का नाम : स्व. काजी मसूद।
जन्म तिथि: 15 अगस्त 1947
शिक्षा : एमए एलएलएम, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय।
पत्नी : सलेहा मसूद
पुत्र : शाजान मसूद।
बेटी : साजिया मसूद।
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