हेल्थ: पाइल्स रोग में बहुत फायदेमंद है सिंगाड़ा, अस्थमा और सांस संबंधी रोग भी होते हैं दूर।
रिपोर्ट फराह अंसारी
हेल्थ: आज के समय में पाइल्स यानि कि बवासीर होना कोई हैरानी की बात नहीं है। फास्ट फूड के अधिक सेवन, तला भुना और मिर्च मसाले वाला खाना पाइल्स रोग को जन्म देता है। इस रोग में गुदे में छोटे-छोटे मस्से जैसे बन जाते हैं। जो समय के साथ आकार में बड़े हो जाते है और इसमें हर समय दर्द और जलन बनी रहती है। पाइल्स के मरीजों की स्थिति यह होती है कि वह अपने रोग के बारे में किसी और को तो दूर डॉक्टर्स को भी खुलकर बताने में कतराते हैं। लेकिन डॉक्टर से सलाह लेकर उसका सही इलाज कराना बहुत जरूरी है। आपको बता दें कि अब वो वक्त आ गया है जब बाजारों में हर दूसरी ठेली सिंगाडे की है। डॉक्टर्स भी इस बात को मानते हैं कि पाइल्स रोग के लिए सिंगाड़ा वाकई बहुत फायदेमंद है। आइए जानते हैं क्यों फायदेमंद है सिंगाड़ा।
सिंघाड़े में डिटॉक्सिफाइंग गुण पाये जाता है। यह शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में कारगर होता है। ऐसे में अगर किसी को पीलिया है तो सिंघाड़े का इस्तेमाल उसके लिए बहुत फायदेमंद होगा।
सिंघाड़े में आयोडीन और मैगनीज जैसे कई प्रमुख मिनरल होते हैं। यह थायराइड ग्रंथि के लिए आवश्यक तत्व है। इसलिए रोजाना इसे अपने आहार में शामिल करने से थाइराइड ग्रंथि की क्रियाशीलता लम्बे समय तक सही रूप में बनी रहती है।
सिंघाड़े में पॉलीफिनॉलिक और फ्लेवोनॉयड जैसे एंटी-ऑक्सीडेंट पाये जाते हैं। इसके अलावा ये एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी-कैंसर गुणों से भी भरपूर होता है। इसके अलावा यह अनिद्रा की समस्या को दूर करने में भी सहायक होता है।
सिंघाड़े के इस्तेमाल से यूरीन से जुड़ी कई समस्याओं में भी फायदा होता है। सिंघाड़े को कच्चा खाने या इस फल को जूस के रूप में लेने पर यह शरीर से हानिकारक विषैले पदार्थो को बाहर निकालता है और यूरीन संबंधी इंफेक्शन को रोकता है। इसलिए अगर आप यूरीन संबंधी इंफेक्शन से बचना चाहते हैं तो सिंघाड़े को अपने आहार में शामिल करें।