लखनऊ: लखनऊ में अभी तक पीजीआई व लोहिया संस्थान में ही किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा है। इन पर मरीजों का लोड अधिक होने से वेटिंग लंबी हो जाती है। चार से छह माह बाद मरीजों का नंबर आता है। ऐसे में गंभीर मरीजों को मजबूरन निजी सेंटर जाना पड़ता है। जिसके चलते अब केजीएमयू भी किडनी ट्रांसप्लांट का नया संस्थान बन चूका है। इससे गंभीर मरीजों को बड़ी राहत मिली है। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने संस्थान को किडनी ट्रांसप्लांट के लिए बुधवार को लाइसेंस जारी कर दिया। केजीएमयू प्रशासन का कहना है कि पहले चरण में गंभीर रोगियों का ट्रांसप्लांट होगा। अप्रैल से संस्थान में प्रत्यारोपण शुरू होने की उम्मीद है।